बह्र - 2 2 2 2 2 2 2
दिल में प्यार जगा कर देख।
खुशियों को बरसा कर देख।।
कुंठित बगिया कांटो बेल,
नज्म तराना गा कर देख।
व्यवहारों की बादल - रेत,
चंचल वायु बहा कर देख।
दर्द गले सुर ताल सजे,
शब्दों को अपना कर देख।
सत्य-असत्य बताना क्या?
मदिरा औ धन पाकर देख।
अन्धे पथ भी रोशन हों,
दिल का दीप जलाकर देख।
दंगा-नफरत-कटु व्यवहार,
सत्यम आंख मिला कर देख।
के0पी0 सत्यम मौलिक व अप्रकाशित
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