Thursday 19 December 2013

शान ज्यों माणिक मुक्ता

कुण्डलियां

कुत्ता  प्यारा  जीव  है,  वफादार  बलवान।
घर की रक्षा नित करे, रख पौरूष अभिमान।।
रख पौरूष अभिमान, गली  का  शेर  कहाए।
चोर  और  अंजान,  भाग कर  जान बचाएं।।
द्वार रहे गर श्वान, शान ज्यों माणिक मुक्ता।
पर मानव मक्कार, अहम वश कहता कुत्ता।।

के0पी0सत्यम-मौलिक व अप्रकाशित

No comments:

Post a Comment